वुहान से वॉशिंगटन और न्यूयॉर्क से नई दिल्ली तक हर जुबां में डर समाया, सांसें आइसाेलेट- जिंदगी क्वारैंटाइन हुई
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दुनियाभर में कोरोना के 1 करोड़ मामले हो चुके हैं। यानी वायरस अपने उस रौद्र रूप में है, जिसे देखइंसानी जाति की सांसें सचमुच अटक रही हैं। चीन के वुहान से निकलीकोरोना महामारी जब यूरोप और अमेरिका पहुंची तो उसके साथ नई शब्दावली भी सामने आई।
ये ऐसे शब्द थे जो वैज्ञानिक और प्रशासनिक जगत में तो प्रचलित थे, लेकिन पहली बार आम लोगों का वास्ता इनसे पड़ा और फिर लगातारऐसा पड़ा कि अब इनके बिना कोरोना की चर्चा ही अधूरी लगती है। ये दुनिया की तमाम भाषाओं के सबसे जरूरी शब्दबन गए हैं।
कोरोनाकाल में चर्चित हुए 10 सबसे महत्वपूर्णशब्दों को आज भी समझने और उन पर लगातार अमल की जरूरत है, आजइन्हीं शब्दों में गुंथीकहानी, तस्वीरों की जुबानी...
क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के DA की कटौती का आदेश वापस ले लिया है। दावे के साथ एक आदेश की कॉपी भी वायरल हो रही है। ये आदेश 21 सितंबर का बताया जा रहा है। दरअसल, कोविड-19 लॉकडाउन के चलते हुई आर्थिक सुस्ती को देखते हुए मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की तीन अतिरिक्त किश्तों पर रोक लगाने का फैसला लिया था। केंद्र सरकार के इस फैसले का असर 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों पर पड़ा है। अब दावा किया जा रहा है कि ये आदेश वापस ले लिया गया है। और सच क्या है? इंटरनेट पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि केंद्र सरकार ने DA कटौती का आदेश वापस ले लिया है। वायरल हो रही चिट्ठी को पढ़ने से स्पष्ट होता है कि ये DA कटौती वापस लेने का आदेश नहीं है। बल्कि, केंद्र सरकार में जनरल सेक्रेटरी डॉ. एम रघवैय्या द्वारा लिखा गया एक आवेदन पत्र है, जो कि वित्त मंत्री को लिखा गया है। इस पत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अनुरोध किया गया है कि वे केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को डियरनेस अल
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