कोरोना के बाद कई देशों के बीच आवाजाही शुरू, यूरोप की वापसी टूरिज्म पर बहुत निर्भर करेगी

यूरोप ने कोरोनामहामारी से उबरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी देश वायरस से लोगों की सुरक्षा और ध्वस्त अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए बीच का रास्ता निकाल रहे हैं। टूरिज्म से अधिक जोखिम किसी अन्य सेक्टर के लिए नहीं है। आखिरकार वुहान, चीन के बाजारों से निकलकर वायरस इटली, जर्मनी सहित अन्य देशों में फैला है।

टूरिज्म के जरूरी हिस्से जैसे कि विमान, क्रूज शिप, होटल, रेस्त्रां,म्यूजियम और उत्सवों की भीड़ ही वायरस के प्रमुख वाहक हो सकते हैं। फिर भी, यूरोप की अर्थव्यवस्था के लिए टूरिज्म अहम है।

यूरोपियन यूनियन के 27 देशों में जीडीपी का 11% हिस्सा टूरिज्म से आता है
यूरोपीय यूनियन के 27 देशों में जीडीपी का 11% टूरिज्म से आता है। इसकी तुलना में अमेरिका में यह 2.6 % है। पेरिस में टूरिज्म सबसे बड़ी इंडस्ट्री है। हर साल पेरिस आने वाले तीन करोड़ 80 लाख लोगों के कारण 12% स्थानीय रहवासियों को रोजगार मिलता है।

डिप्टी मेयर जीन फ्रांकोइस मार्टिन्स कहती हैं, संकट के बाद लाखों टूरिस्ट पेरिस नहीं आ सके हैं। एयरलाइंस, फूड चेन से लेकर हर कहीं दिक्कत महसूस की जा रही है। वर्ल्ड ट्रैवल, टूरिज्म कौंसिल के अनुसार 2020 में यूरोप में टूरिज्म से संबंधित एक करोड़ 80 लाख जॉब और जीडीपी में 75.60 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा।

कई देशों में टूरिज्म की हलचल तेज
अधिकतर यूरोपीय देशों में वायरस का प्रकोप शिखर तक पहुंच चुका है। इसलिए गर्मियों को ध्यान में रखकर कई देशों में टूरिज्म की हलचल शुरू हो गई है। फ्रांस नेशनल साइंटिफिक रिसर्च सेंटर के अर्थशास्त्री बेरी प्रादेलस्की कहते हैं, जहां वायरस नियंत्रित हैं, उस क्षेत्र को ग्रीन जोन बनाकर गतिविधियां चलाई जा रही हैं। लातविया, लिथुआनिया, एस्तोनिया ने एक-दूसरे देशों के लोगों को आने की अनुमति दे दी है। डेनमार्क ने जर्मनी, नार्वे, आइसलैंड के लिए दरवाजे खोले हैं।

वैसे, तालमेल पूरी तरह नहीं बना है। आस्ट्रिया ने स्पेन, पुर्तगाल, स्वीडन, ब्रिटेन ग्रीस के लोगों पर रोक लगा रखी है। 18 जून को अपनी सीमाएं खोलने का एलान करने वाले डेनमार्क ने स्वीडन के लोगों पर बंदिश लगा दी है। स्वीडन उन कुछ यूरोपीय देशों में शामिल है, जहां नए मामले बढ़ रहे हैं। कई देशों ने घर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएं दी हैं। इटली ने 34 लाख सालाना से कम कमाने वाले पर्यटकों को देश में यात्रा के लिए 42 हजार रुपए के वाउचर दिए हैं। स्पेन ने बहुत खर्चीला विज्ञापन अभियान छेड़ा है। इसमें देश की यात्रा के फायदे गिनाए गए हैं।

जर्मन टूरिस्ट की स्पेन यात्रा पर टिकी उम्मीदें
15 जून को एक पायलट प्रोग्राम के अंतर्गत जर्मनी के 400 पर्यटक स्पेन के द्वीप मलोरका पहुंचे। टूर कंपनी टीयूआई और बालिएरिक द्वीपों की सरकार के सहयोग से इसका आयोजन किया गया। टूर के टिकट कुछ ही घंटों में बिक गए थे। इन द्वीपों में संपूर्ण लॉकडाउन के कारण यहां बार्सीलोना, मैड्रिड जैसी तबाही नहीं हुई है।

दो विमानों से मलोरका पहुंचे यात्रियों को दो होटलों में एकदम अलग हिस्से में ठहराया गया था। एक पर्यटक फिल पेलजन ने बताया कि वह यहां सुरक्षित महसूस कर रहा है। होटल ने सभी जरूरी सावधानियां बरती हैं। इस प्रोग्राम को लेकर यूरोप में उत्सुकता और बेचैनी का माहौल था।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
अधिकतर यूरोपीय देशों में वायरस का प्रकोप  शिखर तक पहुंच चुका है। इसलिए गर्मियों को ध्यान में रखकर कई देशों में टूरिज्म की हलचल शुरू हो गई है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3fX3ezM
via IFTTT

Comments

Popular posts from this blog

कर्मचारियों के DA कटौती का आदेश वापस ले रही है मोदी सरकार? जानिए वायरल मैसेज की सच्चाई