बच्चों के पास मोबाइल नहीं थे तो शुरू किया ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल, अकेले बडगाम जिले में 8 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं

कोरोना के चलते देश भर में पिछले चार महीनों से स्कूल बंद हैं। देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, यही वजह है कि अनलॉक-3 में भी स्कूलों को खोलने की इजाजत नहीं दी गई है। इन सबके बीच कश्मीर की वादियों में बच्चे अब स्कूल के बंद कमरों की बजाय नीले आसमान के नीचे पहाड़ों के बीच ओपन पढ़ाई कर रहे हैं।

तस्लीमा बशीर अब ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं। फोटो: आबिद बट

कश्मीर के बडगाम जिले के पहाड़ी क्षेत्र में रहने वालीं तस्लीमा बशीर आठवीं क्लास में पढ़ती हैं। तस्लीमा को पढ़ाई करना पसंद है। स्कूल ने वर्चुअल क्लासेज के जरिए पढ़ाई भी कराई, लेकिन ना तो तस्लीमा के घर में मोबाइल है और न ही उनके घर तक मोबाइल नेटवर्क की पहुंच है। ऐसे में तस्लीमा खुद ही घर पर बैठकर जो मन आया वो पढ़ लेती थीं।

इसके बाद जब 1 जून से ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल की शुरूआत हुई तो यहां आने के बाद तस्लीमा के चेहरे पर एक अलग ही रौनक नजर आई। बडगाम जिले के दूधपथरी की वादियों में तस्लीमा की तरह कई बच्चे ओपन एयर स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। तस्लीमा कहती हैं कि इस तरह खुली वादियों के बीच पढ़ना ज्यादा अच्छा लगता है।

मैं घर पर ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाती थी, क्योंकि मुझे कई और काम भी करने पड़ते थे। तस्लीमा की ही तरह और बच्चों को भी इस तरह के कम्युनिटी स्कूल में पढ़ना अच्छा लग रहा है। इन बच्चों के पेरेंट्स रोजाना पहाड़ की चढ़ाई पार करके इस कम्युनिटी स्कूल तक छोड़ने आते हैं।

जो बच्चे मोबाइल, इंटरनेट के अभाव में वर्चुअल क्लासेज तक नहीं पहुंच सके, वो अब कम्युनिटी स्कूल में आकर पढ़ाई कर रहे हैं। फोटो: आबिद बट

मोबाइल फोन के अभाव में कई बच्चे अटेंड नहीं कर सके वर्चुअल क्लासेज

बडगाम जिले की चीफ एजुकेशन ऑफिसर फातिमा बानो बताती हैं कि जिले में 1,271 स्कूल हैं, इनमें 702 प्राइमरी, 422 मिडिल, 101 हाईस्कूल और 46 हायर सेकेंडरी स्कूल हैं। यहां कुल 75 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए बडगाम जिले में 6,122 टीचर्स हैं। फातिमा पिछले 35 सालों से एजुकेशन सेक्टर से जुड़ी हैं और 31 अगस्त को उनका रिटायरमेंट हैं।

कुछ बच्चे मोबाइल, इंटरनेट के अभाव में वर्चुअल क्लासेज तक नहीं पहुंच सके

फातिमा बताती हैं कि काेरोना के दौरान जब हमने वर्चुअल क्लासेज की शुरुआत की तो 75 हजार बच्चों में से 61 हजार जूम व अन्य माध्यम से हमसे जुड़े। बाकी बच्चों के नहीं जुड़ने का कारण पूछा तो पता चला कि कुछ बच्चे अपने परिवारों के साथ वापस अपने प्रदेश चले गए जोकि यहां काम करने के लिए आते थे। जबकि, कुछ बच्चे मोबाइल, इंटरनेट के अभाव में वर्चुअल क्लासेज तक नहीं पहुंच सके।

उनके पेरेंट्स ने बताया कि वो इतने समर्थ नहीं हैं कि मोबाइल खरीद सकें। फातिमा बताती हैं कि उन बच्चों को कैसे जोड़ा जाए इसे लेकर मैंने कमिश्नर सेक्रेट्री और डायरेक्टर एजुकेशन से बात की और फिर ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल का विचार आया। जिले में 13 जोन हैं और हर जोन में 4 से 5 ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल संचालित हो रहे हैं। जहां 8 हजार से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।

क्लास शुरू होने से पहले उन्हें फेस मास्क-हैंड सैनिटाइजर दिया जाता है। फोटो: आबिद बट

क्लास शुरू होने से पहले बच्चों को देते हैं फेस मास्क, हैंड सैनिटाइजर

बडगाम के जोनल एजुकेशन ऑफिसर मोहम्मद रमजान बताते हैं कि खुली हवा में पढ़ाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन किया जाता है। क्लास शुरू होने से पहले उन्हें फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर दिया जाता है। सभी बच्चों को आठ समूहों में उनकी उम्र के अनुसार बिठाया जाता है।

वहीं टीचर मंजूर अहमद कहते हैं कि हमें घर पर बैठकर वेतन लेना अच्छा नहीं लगता था। स्कूल की इमारत की तुलना में इन वादियों में पढ़ाने में ज्यादा अच्छा लगता है। कश्मीर में कोरोनावायरस महामारी के पहले से ही स्कूली शिक्षा प्रभावित हुई थी। पिछले साल सरकार ने यहां अनुच्छेद-370 हटाकर जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर यहां कर्फ्यू लगा दिया था। कर्फ्यू हटने के कुछ महीनों बाद ही कोरोना के चलते लॉकडाउन लग गया।

तेज धूप और बारिश में बच्चों को परेशान होना पड़ता है। फोटो: आबिद बट

इन कम्युनिटी स्कूल में नहीं हैं धूप, बारिश से बचने के इंतजाम

तंगधार में संचालित होने वाले इस कम्युनिटी स्कूल में 8वीं क्लास में पढ़ने वाले एक छात्र ने बताया कि यहां बाकी सब तो ठीक है लेकिन तेज धूप और बारिश में पढ़ाई नहीं हो पाती है, अगर अधिकारी यहां टेंट की व्यवस्था करा दें तो हम ज्यादा अच्छे से पढ़ाई कर सकेंगे।

वहीं, 7वीं क्लास में पढ़ने वाली अनीशा जौहर बताती हैं कि पहले टीचर्स घरों में आकर पढ़ाते थे, घर में इतनी जगह नहीं होती थी कि हम पढ़ाई कर सकें लेकिन कम्युनिटी स्कूल में पढ़ना अच्छा लगता है। वर्तमान में यह कम्युनिटी क्लासेज विंटर जोन में आने वाले जिलों में चल रही हैं, चूंकि पूरे प्रदेश में 2जी इंटरनेट ही चल रहा है, ऐसे में जूम क्लासेज में भी काफी दिक्कतें आती हैं।

ऐसे में कश्मीर संभाग में कम्युनिटी स्कूल की सफलता के बाद जम्मू संभाग में इसे शुरू किया गया है।

कश्मीर के सुदूरवर्ती गांवों में इस तरह संचालित हो रहे हैं ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल। फोटो: आबिद बट


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
कश्मीर के बडगाम जिले के पहाड़ी क्षेत्र में इस तरह ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। फोटो: आबिद बट


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3ghKXhf
via IFTTT

Comments

Popular posts from this blog

कर्मचारियों के DA कटौती का आदेश वापस ले रही है मोदी सरकार? जानिए वायरल मैसेज की सच्चाई