लॉकडाउन के बीच सब थमा पर उम्मीदें, प्रार्थनाएं और जीवन कहां रुकता है...
Get link
Facebook
X
Pinterest
Email
Other Apps
दुनियाभर में कोरोनावायरस ने तबाही मचा रखी है। देश-विदेश में शासन-प्रशासन इसकी रोकथाम में जुटा हुआ है। करीब-करीब सभी देश सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में चुनौतियों से जूझ रहे हैं। दुनिया में कोरोना संक्रमितों से मरने वालों की संख्या 2लाख को पार कर चुकी है। जबकि संक्रमितों की संख्या 29 लाख से ज्यादा हो चुकी है।इस बीच, यह तस्वीरें एक आशा का माहौल बनाने की कोशिश जान पड़ती हैं। आप खुद देखिए।
उम्मीदों भरा लैंड-आर्ट
यह लैंड-आर्ट पेंटिंग स्विटजरलैंड के अल्पाइन रिसार्ट में बनाई गई है। आर्टिस्ट सेपे ने इसका नाम ‘बियांड क्राइसिस’ रखा है। सेपे ने कोरोना काल में उम्मीद और सकारात्मकता का संदेश देने के लिए इसे तैयार किया है।
काबा में रमजान
रमजान के महीने में सउदी अरब में मक्का के काबा में हर साल से इतर, इस बार कोरोना का असर साफ देखा जा सकता है। पवित्र माह के पहले दिन यहां मौजूद चुनिंदा जायरीनों ने तरावीह की नमाज अदा की।
पुरी में चंदन जात्रा पूजा
भगवान जगन्नाथ की वार्षिक चंदन जात्रा और अक्षय तृतीया उत्सव का आयोजन रविवार को ओडिशा के पुरी मंदिर परिसर में ही किया गया। देशव्यापी लॉकडाउन के कारण पहली बार केवल पुजारी और सेवकों ने ही सभी अनुष्ठान पूरे किए।
अक्षय स्नान
लॉकडाउन के बीच अक्षय तृतीया पर जबलपुर के ग्वारीघाट में नर्मदा स्नान करते बुजुर्ग श्रद्धालु।
जरा संभलकर...अमेरिगन्स
इस तस्वीर का शीर्षक है-अमेरिगन्स। द माइंड्स आई फोटो अवार्ड में इस फोटो काे दूसरा स्थान मिला है। इसे इटली के गैब्रियल गलीमबेर्ती ने खींचा है। तस्वीर में फ्लोरिडा की टेम्पा एवेरी स्कीपालिस अपनी 22 बंदूकों के साथ दिख रही हैं।
न्यूयॉर्क मेंफूलों भरे रास्ते
न्यूयार्क में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को शुक्रिया कहने के लिए डिजाइनर लुइस मिलर ने यह पहल की है। उन्होंने खाली पड़े टेलीफोन बूथ और डस्टबिन को फूलों से सजाया है। उद्योगपति हर्ष गोयनका ने यह तस्वीर शेयर की है।
मुस्कुराता मास्क
पराग्वे के असुनसियोन में मास्क पहने हुए अर्सेनियो मार्टिनेज। फलों की छवि वाला यह मुस्कुराता मास्क उन्हीं ने डिजाइन किया है।
हमसे डरो ना
पूर्वी चीन के जियान्गसु स्थित नैनतोंग फॉरेस्ट सफारी पार्क में इन तीन सफेद शावकों की उम्र अभी दो महीने है। मई से पर्यटक इन्हें देख पाएंगे।
फोन की घंटी लगातार बज रही है, डिलीवरी करने वाले लड़के किचन में आ-जा रहे हैं। उनके हाथों में कपड़ों से बने बैग हैं, जो ऊपर तक पैक किए गए डिब्बों से भरे हैं। 29 साल के आंत्रप्रेन्योर रईस अहमद ने श्रीनगर में घर का बना खाने डिलीवर करने के लिए टिफिन सेवा शुरू की है और उन्हें शानदार रिव्यू मिल रहे हैं। श्रीनगर में ही पैदा हुए और यहीं पले-बढ़े रईस हमेशा से अपना कोई काम शुरू करने का सपना देखते थे। मुस्लिम पब्लिक हाई स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही वो काम तलाशने लगे थे। उन्होंने अनहद इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया स्टडीज से एडिटिंग, कैमरा, डायरेक्शन और स्क्रिप्ट राइटिंग का कोर्स भी किया, लेकिन कहीं नौकरी नहीं की। वो कहते हैं, 'मैंने मैट्रिक पास करने के बाद से ही काम करना शुरू कर दिया था। मैंने और मेरे भाई ने मिलकर एडवर्टाइजिंग एजेंसी शुरू की, जिसे हम पिछले 15 साल से चला रहे थे। मैं कभी भी सरकारी नौकरी करना नहीं चाहता था। अपना व्यापार शुरू करना ही मेरा सपना था।' रईस के इस काम के साथ 6 लोग जुड़े हुए हैं। वे लोग खाना पैक करने से लेकर डिलीवर करने का काम करते हैं। उन्होंने बताया- घर ...
कोरोना के बीच कॉलेज की फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने के खिलाफ दायर अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है। इस मामले में छात्रों की तरफ से पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने ट्वीट कर फैसला आज आने के संकेत दिए। उन्होंने लिखा, "इंतजार खत्म हो चुका है, यूजीसी मामले में अब सुप्रीम कोर्ट आदेश जारी करेगा। सभी को शुभकामनाएं।" Dear #UGC final year friends, Wait is over. Hon’ble Supreme Court will pronounce final order/ judgment in our UGC matter tomorrow morning at 10.30 AM. All the Best to each one of you. Let’s hope for the Best. Take care. pic.twitter.com/a14orgZmDj — Alakh Alok Srivastava (@advocate_alakh) August 27, 2020 18 अगस्त को आखिरी सुनवाई हुई थी यूजीसी की गाइडलाइन के खिलाफ लगाई गई अर्जी पर सुनवाई करते हुए 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच में है। आखिरी सुनवाई में क्या हुआ? यूनिवर्सिटी और दूसरे हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस में ग्रेजुएशन और पोस्...
Comments
Post a Comment