लॉकडाउन के बीच सब थमा पर उम्मीदें, प्रार्थनाएं और जीवन कहां रुकता है...
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दुनियाभर में कोरोनावायरस ने तबाही मचा रखी है। देश-विदेश में शासन-प्रशासन इसकी रोकथाम में जुटा हुआ है। करीब-करीब सभी देश सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में चुनौतियों से जूझ रहे हैं। दुनिया में कोरोना संक्रमितों से मरने वालों की संख्या 2लाख को पार कर चुकी है। जबकि संक्रमितों की संख्या 29 लाख से ज्यादा हो चुकी है।इस बीच, यह तस्वीरें एक आशा का माहौल बनाने की कोशिश जान पड़ती हैं। आप खुद देखिए।
उम्मीदों भरा लैंड-आर्ट
यह लैंड-आर्ट पेंटिंग स्विटजरलैंड के अल्पाइन रिसार्ट में बनाई गई है। आर्टिस्ट सेपे ने इसका नाम ‘बियांड क्राइसिस’ रखा है। सेपे ने कोरोना काल में उम्मीद और सकारात्मकता का संदेश देने के लिए इसे तैयार किया है।
काबा में रमजान
रमजान के महीने में सउदी अरब में मक्का के काबा में हर साल से इतर, इस बार कोरोना का असर साफ देखा जा सकता है। पवित्र माह के पहले दिन यहां मौजूद चुनिंदा जायरीनों ने तरावीह की नमाज अदा की।
पुरी में चंदन जात्रा पूजा
भगवान जगन्नाथ की वार्षिक चंदन जात्रा और अक्षय तृतीया उत्सव का आयोजन रविवार को ओडिशा के पुरी मंदिर परिसर में ही किया गया। देशव्यापी लॉकडाउन के कारण पहली बार केवल पुजारी और सेवकों ने ही सभी अनुष्ठान पूरे किए।
अक्षय स्नान
लॉकडाउन के बीच अक्षय तृतीया पर जबलपुर के ग्वारीघाट में नर्मदा स्नान करते बुजुर्ग श्रद्धालु।
जरा संभलकर...अमेरिगन्स
इस तस्वीर का शीर्षक है-अमेरिगन्स। द माइंड्स आई फोटो अवार्ड में इस फोटो काे दूसरा स्थान मिला है। इसे इटली के गैब्रियल गलीमबेर्ती ने खींचा है। तस्वीर में फ्लोरिडा की टेम्पा एवेरी स्कीपालिस अपनी 22 बंदूकों के साथ दिख रही हैं।
न्यूयॉर्क मेंफूलों भरे रास्ते
न्यूयार्क में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को शुक्रिया कहने के लिए डिजाइनर लुइस मिलर ने यह पहल की है। उन्होंने खाली पड़े टेलीफोन बूथ और डस्टबिन को फूलों से सजाया है। उद्योगपति हर्ष गोयनका ने यह तस्वीर शेयर की है।
मुस्कुराता मास्क
पराग्वे के असुनसियोन में मास्क पहने हुए अर्सेनियो मार्टिनेज। फलों की छवि वाला यह मुस्कुराता मास्क उन्हीं ने डिजाइन किया है।
हमसे डरो ना
पूर्वी चीन के जियान्गसु स्थित नैनतोंग फॉरेस्ट सफारी पार्क में इन तीन सफेद शावकों की उम्र अभी दो महीने है। मई से पर्यटक इन्हें देख पाएंगे।
फोन की घंटी लगातार बज रही है, डिलीवरी करने वाले लड़के किचन में आ-जा रहे हैं। उनके हाथों में कपड़ों से बने बैग हैं, जो ऊपर तक पैक किए गए डिब्बों से भरे हैं। 29 साल के आंत्रप्रेन्योर रईस अहमद ने श्रीनगर में घर का बना खाने डिलीवर करने के लिए टिफिन सेवा शुरू की है और उन्हें शानदार रिव्यू मिल रहे हैं। श्रीनगर में ही पैदा हुए और यहीं पले-बढ़े रईस हमेशा से अपना कोई काम शुरू करने का सपना देखते थे। मुस्लिम पब्लिक हाई स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही वो काम तलाशने लगे थे। उन्होंने अनहद इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया स्टडीज से एडिटिंग, कैमरा, डायरेक्शन और स्क्रिप्ट राइटिंग का कोर्स भी किया, लेकिन कहीं नौकरी नहीं की। वो कहते हैं, 'मैंने मैट्रिक पास करने के बाद से ही काम करना शुरू कर दिया था। मैंने और मेरे भाई ने मिलकर एडवर्टाइजिंग एजेंसी शुरू की, जिसे हम पिछले 15 साल से चला रहे थे। मैं कभी भी सरकारी नौकरी करना नहीं चाहता था। अपना व्यापार शुरू करना ही मेरा सपना था।' रईस के इस काम के साथ 6 लोग जुड़े हुए हैं। वे लोग खाना पैक करने से लेकर डिलीवर करने का काम करते हैं। उन्होंने बताया- घर ...
सिंगरौली. एनटीपीसी की 2कोयला मालगाड़ी रविवार तड़केआपस में टकरा गईं।हादसे में 3 लोको पायलटों की मौत हो गई।बैढ़न इलाके के रिहन्द नगर में एक मालगाड़ी कोयला लेकर जा रही थी, जबकि दूसरी मालगाड़ी खाली लौट रही थी। दोनों की रफ्तार बहुत तेज थी।टक्कर के बाद दोनों ट्रेनों काआगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे मालगाड़ी में सवार कर्मचारी अंदर ही फंस गए।सूचना मिलने के बाद मौके पर सीआईएसएफ, एसडीएम और पुलिस भी पहुंची। टक्कर के बाद डिब्बे भी पटरी से उतर गए। भरी मालगाड़ी का डिब्बा खाली मालगाड़ी के इंजन पर गिरा,जिसमें 3 लोको पायलट सवार थे। बोगी से कोयला खाली कराने के बाद 2 क्रेन बोगी को हटा रही हैं।यह पहली बार है, जब इस ट्रैक पर ऐसा हादसा हुआ है। बताया जा रहा है कि इस रेलवे ट्रैक का इस्तेमाल कोयला लाने-ले जाने वाली मालगाड़ियों के लिए ही होता है। इसमें बड़ी लापरवाही भी सामने आ रही है कि एक ही ट्रैक पर 2मालगाड़ियों को कैसे जाने दिया गया? आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें रेल हादसे के बाद एनटीपीसी की टीम और पुलिस राहत-बचाव अभियान में जुटी। दोनों मालगाड़ियाें की रफ्तार...
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