आज हिंसाग्रस्त इलाकों में शांति, पड़ोसी राज्यों से आए उपद्रवी और वॉट्सऐप ग्रुप जांच के घेरे में
नई दिल्ली.उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सीएए के मुद्दे पर हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या गुरुवार को 34 तक पहुंच गई। जबकि 250 से ज्यादा लोगों का राजधानी के जीटीबी और एलएनजेपी अस्पताल में इलाज चल रहा है। यहां के जाफराबाद-मौजपुर और आसपास के इलाकों में23, 24 और 25 फरवरी को नागरिकता संशोधन कानून के सर्मथक और विरोधी गुटों में हिंसक झड़प हुई थीं। इस दौरान उपद्रवियों ने पथराव, आगजनी और फायरिंग की थी। हालांकि, बुधवार और गुरुवार को हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई। इस बीच, अमेरिका और रूस ने भारत में रह रहे अपने नागरिकों को भी एडवायजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि लोगों को हिंसाग्रस्त इलाके में जाने से बचना चाहिए।
हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने कि अब तक 18 एफआईआर दर्ज की हैं और 106 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। अब पुलिस की नजर पड़ोसी राज्यों से आकर दिल्ली में उपद्रव करने वालों पर है। इसके अलावा सैकड़ों वॉट्सऐप ग्रुप और वायरल वीडियो भी खंगाले जा रहे हैं। रविवार से मंगलवार तक हुई हिंसा के दौरान दिल्ली की सीमाएं खुली थीं। उपद्रवियों के यूपी के रास्ते राजधानी में घुसने की आशंका जताई गई है।
हिंसाग्रस्त इलाकों में आज शांति, दुकानें बंद
दिल्ली के हिंसाग्रस्त जाफराबाद, मौजपुर, चांद बाग, गोकलपुरी और भजनपुरा समेत आसपास के इलाकों में गुरुवार को माहौल शांत है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान गलियों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। ज्यादातर इलाकों में दुकानें बंद हैं और सड़कें सुनसान हैं। ऐसे माहौल में लोग घरों में ही रहना पसंद कर रहे हैं। उधर, दिल्ली फायर सर्विस को बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में आग की 19 कॉल मिलीं। 100 दमकलकर्मियों के साथ वरिष्ठ अधिकारी आग बुझाने में जुटे हैं।
मोदी ने हिंसा के 3 दिन बाद शांति की अपील की
इससे पहले हिंसा के 3 दिन बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से शांति-भाईचारे की अपील की थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा- हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना तैनात की जाए। एनएसए अजीत डोभाल ने लगातार दूसरे दिन हिंसाग्रस्त सीलमपुर और मौजपुर का दौरा किया था। यहां कानून व्यवस्था का जायजा लिया और इलाके में लोगों से बातकर उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया था। इससे पहले मोदी कैबिनेट की मीटिंग भी हुई थी।
परिजन के शव लेने के लिए इंतजार करना पड़ रहा
वहीं, लोगों को हिंसा में मारे गए परिजन के शव लेने में संघर्ष करना पड़ रहा है। पुलिस-प्रशासन का कहना है कि पोस्टमॉर्टम के बाद ही बॉडी दी जाएगी, तब तक इंतजार करें। इस मामले में वकील महमूद पारचा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट इस पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
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