दिल्ली हाईकोर्ट ने आधी रात को सुनवाई की, कहा- घायलों को अल हिंद अस्पताल से दूसरे हॉस्पिटल शिफ्ट करें; डोभाल ने हालात का जायजा लिया

नई दिल्ली. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सीएए विरोधी हिंसा में 13 लोगों की मौत हो चुकी है। मुस्तफाबाद हिंसा में घायल कई लोगों का यहां के अल हिंद अस्पताल में इलाज चल रहा है। मंगलवार देर रात सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों के एक दल ने दिल्ली हाईकोर्ट से दखल की अपील की। सुनवाई जस्टिस मुरलीधर के घर पर हुई। जजों ने पुलिस को आदेश दिया कि सुरक्षा के बीच घायलों को अल हिंद अस्पताल से जीटीबी या किसी अन्य हॉस्पिटल शिफ्ट किया जाए। दूसरी तरफ, एनएसए अजीत डोभाल ने देर रात हिंसा प्रभावितसीलमपुर इलाके का दौरा किया। उनके साथ दिल्ली के नए स्पेशल सीपी एनके. श्रीवास्तव भी मौजूद थे।

एक फोरम ने दिल्ली हाईकोर्ट से अपील में कहा कि मुस्तफाबाद हिंसा में घायल हुए लोगों का उचित इलाज वहां के अल हिंद अस्पताल में संभव नहीं है। लिहाजा, मरीजों और डॉक्टरों को पुलिस सुरक्षा में जीटीबी या किसी अन्य अस्पताल में भेजा जाए। याचिका में कहा गया था कि अल हिंद अस्पताल में न तो पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं हैं और न ही वहां एंबूलेंस की व्यवस्था है। इसके बाद हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस को संबंधित आदेश जारी किए।

डोभाल पहुंचे सीलमपुर
मंगलवार देर रात राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने हिंसा ग्रस्त सीलमपुर क्षेत्र का दौरा किया। वो पहले नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या के दफ्तर पहुंचे। यहां उन्होंने अधिकारियों से मीटिंग की। इसके बाद डोभाल सीलमपुर रवाना हो गए। उनके साथ दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक भी मौजूद थे। एनएसए ने हिंसा में मारे और घायल हुए लोगों के अलावा हिरासत में लिए गए आरोपियों के बारे में भी जानकारी ली।

अमित शाह ने 24 घंटे में तीन बैठकें कीं
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों पर काबू पाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार रात तक 24 घंटे के अंदर 3 बैठकें कीं। दिल्ली के नए विशेष आयुक्त (कानून व्यवस्था) एसएन श्रीवास्तव के साथ देर रात तक तीन घंटे बैठक चली। इसके बाद एनएसए अजित डोभाल हालात का जायजा लेने के लिए सीलमपुर पहुंच गए। दंगाग्रस्त इलाकों भजनपुरा, घोंडा, यमुना विहार, चांदबाग, करावल नगर सहित कई इलाकों में मंगलवार तड़के ही हिंसा शुरू हो गई थी। गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 7 बजे से घायल पहुंचने लगे थे। हर 10-15 मिनट में गोली या पत्थरों से घायल कोई न कोई शख्स पहुंचता रहा।

हिंसा की आशंका थी

अधिकारियों के मुताबिक, शाहीन बाग में सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकार लोगों से बात कर रहे थे।वहां शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन की इमेज बनाए रखने के लिए दूसरी जगहों पर हिंसक प्रदर्शन की पटकथा लिखी गई। स्पेशल ब्रांच सूत्रों की ओर से दावा किया गया है कि ट्रम्प की भारत यात्रा को लेकर पहले से ही अंदेशा था कि माहौल को जान-बूझकर खराब किया जा सकता है। पुलिस सूत्रों का कहना है इस हिंसक घटना के पीछे बाहरी शक्तियां शामिल हो सकती हैं। इन मंसूबों को पूरा करने के लिए कम उम्र के युवाओं को मोहरा बनाया गया।



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मंगलवार रात दिल्ली के जाफराबाद में तैनात पुलिस।


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