हिंसा में मारे गए युवकों के शवों के संग्रह पर हाईकोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा

नई दिल्ली. दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों के शवों को संग्रह करने की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल की बेंच शुक्रवार को इस पर सुनवाई करेगी।हिंसा में जिन लोगों की मौत हुई उनके परिवारों को शवों को निकालनेमेंपरेशानी हो रही है। शवों को अस्पतालों में भेज दिया गया है और पोस्टमार्टम के बाद प्रशासन ने उन्हें अपने कब्जे में कर लिया था।

पूर्वोत्तर दिल्ली में रविवार को जाफराबाद, मौजपुर और गोकुलपुरी समेत कई इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थक और विरोधी समूहों के बीच हिंसा भड़क उठी थी। इसमें पांच दिनों में 34 लोग मारे जा चुके हैं। जबकि 200 से ज्यादा घायल हैं। घायलों काइलाज दिल्ली के जीटीबी अस्पताल और एलएनजीपी अस्पताल में किया जा रहा है।

जस्टिस मूरलीधर ने आधी रात को सुनवाई की थी

इससे पहले हाईकोर्ट के जजजस्टिस एस मुरलीधर ने सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा में घायलों को सुरक्षा और बेहतर इलाज के लिए अपने घर पर आधी रात को सुनवाई की थी। इसमें उन्होंने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया था कि वह मुस्तफाबाद के एक अस्पताल से एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता दे और मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराए।

दिल्ली में एक और 1984 नहीं होना चाहिए:जस्टिस मुरलीधर

वहीं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा और भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर कार्रवाई के लिए दायर याचिका परहाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई। पूछा- क्या हिंसा भड़काने वालों पर तुरंत एफआईआर दर्ज करना जरूरी नहीं है?हिंसा रोकने के लिए तुरंत कड़े कदम उठाने की जरूरत है। दिल्ली में एक और 1984 नहीं होना चाहिए। जिन्हें Z सिक्युरिटी मिली है, वे भरोसा जगाने के लिए लोगों तक पहुंचें। उधर, केंद्र सरकार ने जस्टिस एस मुरलीधर का ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया है।



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High court to hear on Friday the collection of dead bodies of youths killed in violence


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